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भारत में एचएमपीवी: अब तक 5 मामले सामने आए Hmpv virus in india

 भारत में एचएमपीवी Hmpv : अब तक 5 मामले सामने आए

भारत में एचएमपीवी: अब तक 5 मामले सामने आए

इनमें एक तीन महीने का बच्चा भी शामिल है, जिसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, और एक आठ महीने का बच्चा भी शामिल है, जो अस्पताल में भर्ती है। भारत में एचएमपीवी का तीसरा मामला अहमदाबाद में दो महीने के शिशु में पुष्टि किया गया।

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मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV), एक श्वसन रोगज़नक़ है जिसकी पहली बार 2001 में पहचान की गई थी, हाल ही में चीन में इसके मामलों में वृद्धि के बाद भारत में भी इसकाफ़ी चर्चा में रहा है। HMPV के कारण आम सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण होते हैं, जैसे कि खांसी, बुखार, नाक बहना और गले में खराश। कुछ मामलों में, यह ब्रोंकाइटिस या निमोनिया जैसी अधिक गंभीर स्थितियों को जन्म दे सकता है, खासकर शिशुओं, बुजुर्गों और कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में।


**भारत में हाल के मामले**


जनवरी 2025 की शुरुआत तक, भारत ने विभिन्न राज्यों में HMPV के कई मामले दर्ज किए हैं:


- **कर्नाटक**: बेंगलुरु में दो शिशुओं - एक तीन महीने की लड़की और एक आठ महीने का लड़का - में HMPV के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया। दोनों को श्वसन संबंधी लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया; लड़की को छुट्टी दे दी गई है, और लड़का ठीक हो रहा है।


- **गुजरात**: अहमदाबाद में दो महीने के लड़के में HMPV का निदान किया गया।


- **तमिलनाडु**: दो मामलों की पुष्टि हुई है, जिसमें सलेम का एक 69 वर्षीय व्यक्ति शामिल है, जिसकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हैं और एक 45 वर्षीय व्यक्ति चेन्नई का है।


- **महाराष्ट्र**: नागपुर में दो मामले सामने आए। एक मरीज को छुट्टी दे दी गई है, जबकि दूसरे को निगरानी में रखा गया है।


**सरकारी प्रतिक्रिया**


भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत में एचएमपीवी मामलों और चीन में देखी गई वृद्धि के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारी इस बात पर ज़ोर देते हैं कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और यह देश में कई सालों से मौजूद है। वे लोगों को सतर्क रहने की सलाह देते हैं, लेकिन घबराने की नहीं, साथ ही इस बात पर ज़ोर देते हैं कि स्थिति नियंत्रण में है।



**विशेषज्ञों की राय**


चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि एचएमपीवी श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है, लेकिन यह आम तौर पर चिंता का कारण नहीं है। गुजरात में अतिरिक्त निदेशक (सार्वजनिक स्वास्थ्य) डॉ. नीलम पटेल ने बताया कि एचएमपीवी कोई नई बीमारी नहीं है और वायरल म्यूटेशन के कारण इसका प्रकोप बढ़ सकता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।


**निवारक उपाय**


एचएमपीवी के प्रसार को कम करने के लिए, स्वास्थ्य अधिकारी मानक सावधानियों की सलाह देते हैं:


- **स्वच्छता**: साबुन और पानी से नियमित रूप से हाथ धोना।


- **श्वसन शिष्टाचार**: खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकना।


- **निकट संपर्क से बचना**: श्वसन संबंधी लक्षण प्रदर्शित करने वाले व्यक्तियों से दूर रहना।


- **चिकित्सा सहायता लेना**: गंभीर लक्षण विकसित होने पर स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं से परामर्श करना।


निष्कर्ष में, जबकि भारत में एचएमपीवी के मामले सामने आए हैं, स्वास्थ्य अधिकारी और विशेषज्ञ संकेत देते हैं कि स्थिति चिंताजनक नहीं है। जनता को निवारक उपायों का पालन करने और आधिकारिक स्वास्थ्य सलाह के माध्यम से सूचित रहने की सलाह दी जाती है।

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